गिरिडीह:
अफगान में अगवा हुए गिरिडीह के मजदूरों के परिजन बदहवासी के आलम में हैं। जब से इन्हें यह मनहूस खबर मिली है तब से इनकी हालत खराब है।
एक तो गैर मुल्क का मसला, ऊपर से मनहूस खबर। भुक्तभोगीयों पर क्या बीत रही होगी इसका अनुमान सहज ही लगाया जा सकता है। असल में नौकरी की तलाश में अफगानिस्तान गए सात भारतीय नागरिको को आतंकवादियों ने अगवा कर लिया है। गायब हुए लोगों में गिरिडीह बगोदर निवासी हुलास महतो, प्रसादी महतो व प्रकाश महतो शामिल हैं। बताया गया कि ये लोग अफगानिस्तान के बधलान प्रांत में ट्रांसमिशन लाइन बिछाने के काम मे लगे थे।
जानकारी के मुताबिक भारतीय कम्पनी आरजीपी ग्रुप से जुड़े केईसी कंपनी के पावर प्रोजेक्ट में ये लोग काम कर रहे थे। इस दौरान अज्ञात बन्दूक धारियों ने इनका अपहरण कर लिया। भारतीय दूतावास से खबर की पुष्टि होते ही बगोदर में कोहराम मच गया। अगवा हुए लोगों के परिजन घटना से सदमे की स्थिति में हैं। बुधवार को परिजनों की सुध लेने डीएसपी दीपक कुमार, पूर्व विधायक बिनोद सिंह समेत कई लोग क्रमशः घाघरा और महुरी गांव पहुँचे। यहां इन्होंने परिजनों से मुलाकत कर इन्हें हौसला दिया। मौके पर परिजनों ने कहा कि वे बुरे-बुरे ख्यालो से ग्रसित होकर परेशान हैं।
तालिबानी दहशदगर्दो द्वारा बंदूक की नोक पर अपहरण की घटना की जानकारी मिलते ही बगोदर विधायक नागेंद्र महतो पीड़ित परिजनों से मुलाकात कर स्थिति का जायजा लिया। इस दौरान उन्होंने कहा कि पुरे मामले में विदेश मंत्रालय और झारखण्ड सरकार गंभीर है. जल्द ही अपहृत मजदूरों को छुड़ा लिया जायेगा।
इधर इलाके के पूर्व विधयाक बिनोद सिंह भी घटना से चिंतित हैं। इन्होंने सरकार से जल्द से जल्द अगवा हुए लोगों को छुड़ाने की मांग की है।
इस मामले को लेकर स्थानीय पुलिस भी संवेदनशील दिख रही है। सरिया बगोदर एसडीपीओ दीपक शर्मा अगवा हुए तीनों मजदूरों के परिजनों से मिलकर उनका ढाढस बंधाया और उन्हें हर संभव मदद का भरोसा दिलाया।
ग़ैरमुल्क में आतंकवादियों की गिरफ्त में इनके अपने किस हाल में हैं। यही सवाल इन्हें खाये जा रही है। अब जब तक कोई आधिकारिक बयान इस मामले में नही आता तब तक इनकी सांसे अटकी ही रहेगी।