बोकारो:
एक तरफ सरकार बिजली की शुल्क में बढ़ोतरी कर रही है तो दूसरी ओर बिजली की आंख मिचौली ने चासवासियों के साथ-साथ व्यवसायियो को भी रुला कर रख दिया है. ऐसे में जहां आम लोग बिजली विभाग से खासे परेशान है तो व्यवसायी वर्ग भी चितिंत नजर आ रहा है.
चेंबर ऑफ कॉमर्स साफ कह रहा है कि एक तरफ सरकार झारखण्ड मोमेंटम के माध्यम से व्यवसायियो को लाने का प्रयास कर रही है तो दूसरी तरफ विभाग के लोग ठेंगा दिखाने का काम कर रहे हैं. गर्मी शुरु होने से पहले बिजली व्यवस्था सुदृढ़ होने की बात राज्य के मुखिया रघुवर दास ने की थी लेकिन आज भी चासवासियों को बिजली की आपूर्ति निर्बाध गति से नहीं मिल रही है. 24 घंटे में सात से आठ घंटे मिल रही बिजली में भी कटौती की जा रही है इससे जहां आम लोग परेशान हो रहे हैं वहीं चास मे व्यवसाय करने वाले व्यवसायी भी काफी परेशान है.
बिजली कटौती से व्यवसाय को काफी नुकसान उठाना पड़ रहा है और इसको लेकर चेंबर कई बार विभाग के अधिकारियो के साथ डीसी को पत्र सौप चुका है. इन दिनो डीवीसी के द्वारा लाईन तो काटा ही जा रहा है वहीं अनुरक्षण को लेकर चास बिजली विभाग भी लाईन को बंद कर रहा है. जिससे सभी लोगो की परेशानी बढ़ती जा रही है.
सबसे अजीबोगरीब स्थिति तब होती है जब पांच लाख से अधिक की आबादी वाला चास शहर आज भी बिजली की समस्या को झेलने को मजबूर है. स्थानीय लोग कह रहे है कि विभाग इसके लिए जिम्मेवार है.
वहीं चास बिजली विभाग के टेक्नीशयन का कहना है कि चास है तो समस्या है. वहीं चेंबर ऑफ कॉमर्स के संयोजक संजय वैद्ध कहते है कि व्यवसासियों को काफी मुश्किलो का सामना करना पड़ रहा है. इधर, डीसी मृत्युजंय वर्णवाल जल्द ही एक समय निर्धारित करने की बात कह रहे हैं.