रांची:
प्रदेश में बीजेपी के साथ कदम से कदम मिलाकर चलने वाली सहयोगी आजसू पार्टी ने सिल्ली और गोमिया विधानसभा सीट के लिए होने वाले उपचुनाव को लेकर अपने उम्मीदवारों के नाम की घोषणा कर दी है.
आजसू पार्टी के केंद्रीय प्रवक्ता देवशरण भगत ने इस बात की अधिकृत घोषणा करते हुए कहा कि सिल्ली से आजसू पार्टी के मुखिया सुदेश महतो उम्मीदवार होंगे, जबकि गोमिया से पार्टी पूर्व प्रशासनिक अधिकारी लंबोदर महतो को उतारेगी.
देवशरण भगत ने कहा कि सिल्ली और गोमिया विधानसभा क्षेत्र आजसू पार्टी के जनाधार वाला क्षेत्र है इसलिए पार्टी का इन दोनों सीटों पर स्वाभाविक दावा बनता है. उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी के इस निर्णय से एनडीए गठबंधन पर कोई असर नहीं होगा. उन्होंने कहा कि पिछली बार गोमिया में आजसू के कैडर को झामुमो ने टिकट देकर उतारा था इसलिए झामुमो उनकी फसल को काट ले फई थी, लेकिन इसबार ऐसा नहीं होगा.
होना है उपचुनाव:
झारखण्ड मुक्ति मोर्चा के दो विधायकों अमित महतो और योगेन्द्र महतो को झारखण्ड विधानसभा की सदस्यता से अयोग्य ठहराए जाने के बाद से दोनों सीट खाली है. सिल्ली के पूर्व विधायक अमित महतो को तत्कालीन सोनाहातु सीओ से मारपीट के एक मामले में रांची की एक अदालत से दो साल की सजा सुनाई थी, वहीँ गोमिया से झामुमो विधायक योगेन्द्र महतो को कोयला चोरी के एक मामले में रामगढ़ की अदालत ने तीन साल की सजा सुनाई है. उसके बाद से झारखण्ड विधानसभा स्पीकर दिनेश उरांव ने दोनों को सदन से अयोग्य ठहरा दिया था.
बीजेपी बड़े भाई की निभाए भूमिका: भगत
आजसू पार्टी के केंद्रीय प्रवक्ता देवशरण भगत ने कहा कि अब बीजेपी को गोमिया सीट पर उम्मीदवार खड़ा करने के फैसले पर पुनर्विचार करना चाहिए. उन्होंने कहा कि बीजेपी एनडीए गठबंधन में बड़े भाई की भूमिका में है अब उसे अपने बड़ा भाई का धर्म निभाना चाहिए. उन्होंने कहा कि अपने इस निर्णय से बीजेपी को भी अवगत करा दिया गया है.
वहीं, बीजेपी ने यह स्पष्ट कर दिया है कि पार्टी सिल्ली में महतो के खिलाफ वो अपना उम्मीदवार नहीं देगी। लेकिन गोमिया सीट बीजेपी पर उसकी दावेदारी होगी.
बता दें कि आजसू सुप्रीमो 2000, 2005 और 2009 में सिल्ली सीट से विधायक रह चुके हैं. पिछले विधानसभा चुनाव में उन्हें अमित महतो ने शिकस्त दी थी.