जमशेदपुर:
लौहनगरी जमशेदपुर शहर में गर्मी का सितम देखने को मिल रही है. जहा जमशेदपुर शहर का पारा 40 डिग्री के पार चला गया है ऐसे में कोल्हान के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल एमजीएम अस्पताल के मरीज इन दिनों गर्मी की आग में रहने के लिए बेबस हो गए हैं. देखा जाए तो अस्पताल के इमेरजेंसी वार्ड से लेकर सभी वार्डो के लगभग पंखे सही ढंग से काम नहीं कर पा रहे हैं और ना ही ए.सी ही काम कर रहा है. जिससे मरीजो का हाल बेहाल है. ऊपर से अस्पताल में पीने का पानी का भी संकट बना हुआ है.
कोल्हान के सबसे बड़े एमजीएम अस्पताल का नज़ारा कुछ ऐसा है:-
जहां तपती गर्मी में अस्पताल के मरीजो हाल बेहाल है. जैसे-जैसे शहर का पारा बढ़ती जा रही है वैसे-वैसे मरीजो के बीच सितम छाया जा रहा है. शहर का पारा 40 डिग्री के पार होने के बाद एमजीएम अस्पताल की बात करे तो अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड, आई सीयू वार्ड, सीसीयू वार्ड, महिला वार्ड, शिशु वार्ड, बर्न वार्ड समेत सभी वार्डो का AC और पंखा लगभग खराब ही है. जिसके कारण इस तपीश गर्मी से मरीज़ बेहाल है. मगर देखने वाला कोइ नहीं है. अस्पताल के सभी वार्डो मे देखा जाए तो जेंट्स मरीज इस गर्मी से बचने के लिए ऊपरी वस्त्र खोल कर इलाज करा रहे है. तो वही कई महिला मरीज हाथ के पंखा से अपना काम चलाते नजर आ रही है तो वही बच्चे को जन्म देने वाली माँ अपने और अपने बच्चे को किसी तरह अस्पताल के बेड़ो पर लाचारीवश इलाज करा रही है.
एमजीएम अस्पताल में सैकड़ों की संख्या में दूर दराज से मरीज आकर भर्ती होते है. मगर अस्पताल की कू-व्यवस्था से यहां आने वाले ममरीज़ हलकान रहतें है. अस्पताल के शीशु और गर्भवती महिला वार्ड की बात करें तो नवजात बच्चों को गर्मी से बचाने के लिए मां हाथ वाले पंखें का सहारा ले रही है.
पानी पर भी आफत:
इतना ही नहीं अगर अस्पताल में पानी की बात करें तो पुरे वार्डों में पानी की भी घोर समस्या देखने को मिल रही है. वार्डों में पानी नहीं है. मरिजों को पानी के लिए अस्पताल के बाहर लगे नल से पानी लाना पड़ाता है. जहां गर्मी का सहारा पानी और बिजली है. वही अस्पताल मे ना ही पानी है और ना ही बिजली समय से रहती है. तो अस्पताल मे हजारों कि संख्या मे मौजूद मरीज़ जाए कहां।
स्वास्थ विभाग का दावा फेल:
झारखंण्ड सरकार स्वास्थ्य विभाग में करोड़ो लाखों रुपए खर्च करने का दावा करती है. वही हर साल कोल्हान के सबसे बड़े एमजीएम अस्पताल के लिए करोड़ो रुपए का फंड पास होता है. जिससे अस्पताल कि व्यवस्था को दुरुस्त किया जाए. मगर अस्पताल मे आज तक ना पीने का पानी वार्डो तक पहुंचा है. और ना ही अस्पताल मे बिजली व्यवस्था दुरुस्त हो पाई है. और गर्मी आते ही अस्पताल मे घंटो घंटो बिजली गुल होती है. जिसका खामियाजा गरीब मरीजो को उठाना पड़ता है. एमजीएम अस्पताल के प्रंबधन अपनी आंखे बंद कर बैठा है. इस सम्बध मे जब वार्ड के हेड से बात करनी चाहि तो उन्होने ने कहा कि परेशानी तो है. मगर मैने कई बार इसकी शिकायत की है. कोई सूनने वाला नही.
अस्पताल कि व्यवस्था को सुधारने के लिए खुद झारखंण्ड के मुख्यमंत्री रघुवर दास ने अस्पताल मे आकर कइ घंटे बैठक की थी. वही अस्पताल मे स्वास्थ्य मंत्री से लेकर कइ मंत्री और कइ बड़े अधिकारीयो द्वारा निरिक्षण भी किया जा चूका है. मगर अस्पताल की व्यवस्था सुधारने की जगह और बदहाल हो गयी है. अब अस्पताल के मरीजो ने मीडिया के माध्यम से गुहार लगाई है. कि गरीब परिावर के लोग इलाज कराने कहां जाए. जिस शहर मे खुद मुख्यमंत्री और मंत्री, सांसद समेत कइ विधायक रहते है. उस शहर के सरकारी अस्पताल का हाल ऐसा है.