बोकारो:
परिजन न्याय की उम्मीद मे लगा रहे है बिहार भागलपुर से झारखण्ड बोकारो का चक्कर। ताकि मरने के बाद बेटी को मिल सके न्याय। मीडिया के सामने हाथ जोड़ता परिवार कह रहा है कि मिले मेरी बेटी को न्याय। मेरी बेटी नहीं कर सकती आत्महत्या।
पुलिस के अनुंसधान पर परिजन सवाल उठा रहे है. इधर, एसपी कार्तिक एस ने सुसाईड नोट का हवाला दिया है. हालाँकि उन्होंने कहा कि सारे बिदुंओ की जांच हो रही है। परिजनो को जल्द न्याय मिलेगा।
क्या है मामला:
बीते नौ अप्रैल को चिन्मया विद्यालय की 12वीं क्लास की एक छात्रा की मौत की गुत्थी 12 दिनो के बात भी नहीं सुलझ सकी है. बीएसएल के कुलिंग पौंड मे छात्रा का शव मिला था.कुछ स्थानीय लोगो ने छात्रा को ऑटो से कुलिंग पौंड आते देखा और फिर उसे पानी में कूदते देखा गया था. जिसके बाद इसकी जानकारी स्थानीय थाना को दी गयी थी. हरला थाना पुलिस ने मौके पर पहुंचकर स्थानीय लोगो की सहायता से शव को पौंड से बाहर निकलवाया था.प्रथम दृष्टया पुलिस आत्महत्या की बात कह रही थी. सुसाइड नोट भी बरामद किया गया था. लेकिन, घरवाले यह मानने को तैयार नहीं हैं कि उनकी बेटी ने आत्महत्या की है.
अनुसंधान पर सवाल:
घटना के बाद ऑटो की पहचान पुलिस को अभी तक उपलब्ध नहीं हो पायी है. परिजन यह सवाल उठा रहे है कि दो बजे बेटी से बात हुई और तीन बजे कुलिंग पौंड मे तैरता शव मिलना हत्या की ओर इंगित कर रहा है. पटना हाईकोर्ट के अधिवक्ता मृतिका के पिता संजय तिवारी का कहना है कि अगर कोई आत्महत्या करेगा तो शव सात से आठ घंटे पानी के अंदर रहेगा लेकिन तीन बजे बेटी ने अगर आत्महत्या की है तो पानी में शव कैसे तुरंत उपर आ गया. ऐसे में स्पष्ट है कि बेटी ने आत्महत्या नही उसकी हत्या कर शव को पानी मे फेंक दिया गया. उनका आरोप है कि पुलिस कुछ लोगो को बचाने के प्रयास मे जुटी है.
पिता ने पुलिस के अनुसंधान पर सवाल उठाया है. पिता ने कहा कि सोसाईट नोट में एक शिक्षक का मोबाईल नंबर भी लिखा पाया गया है लेकिन पुलिस ने उस शिक्षक से पूछताछ क्यों नही कि ऐसे में परिजनो के मन में कई सवाल पुलिस के प्रति उठते नजर आ रहे हैं.
ऐसे में अब देखना यह होगा कि पुलिस पीड़ित परिवार के दर्द को किस तरह मरहम लगाने का काम करती है.कितनी जल्दी छात्रा के मौत की गुत्थी सुलझती है.