spot_img
spot_img
होमखबरयहां बच्चे पढ़कर नहीं खेलकर घर लौटतें हैं...क्योंकि यहां शिक्षक आते ही...

यहां बच्चे पढ़कर नहीं खेलकर घर लौटतें हैं…क्योंकि यहां शिक्षक आते ही नहीं

गैस चूल्हा ऑन करते ही लगी आग, महिला झुलसी, गंभीर

Chhattisgarh Police ने Deoghar से दो साइबर अपराधी को किया गिरफ्तार

रिपोर्टः शिव कुमार यादव 

देवघर/सारठः 

सारठ प्रखंड क्षेत्र के जमुवासोल पंचायत के उ म वि कुरूमटांड़ में पदस्थापित शिक्षकों के स्कूल नहीं आने से स्कूली बच्चों के अलावे अभिभावकों को भी हैरानी हो रही है। उक्त विद्यालय में एक सरकारी और दो पारा शिक्षक कार्यरत है। 

शुक्रवार को जब 9ः30 बजे N7 INDIA के संवाददाता स्कूल पहूंचे तो सभी बच्चें बाहर खेल रहे थे। वहीं कुछ बच्चें घर की ओर लौट रहे थे। बच्चों से पुछने पर पता चला कि एक भी शिक्षक विद्यालय में नहीं है। सरकारी शिक्षक सह सचिव अमरेश कुमार शादी को लेकर छुट्टी में गये है। वहीं पारा शिक्षक अनिल कुमार सिंह आये थे लेकिन आंठवीं का रिजल्ट लाने की बात कह कर चले गये। दुसरा पारा शिक्षक सुशील सोरेन हर दिन की तरह आज भी स्कूल आये और अपनी हाजरी बनाकर चले गये। 

ऐसे में समझ सकते हैं कि शिक्षक कितने लापरवाह है। उन्हें अपने दायित्व व बच्चों की शिक्षा के प्रति कितना ख्याल है। विद्याालय में 31 बच्चें उपस्थित मिले जबकी नामांकन 160 बताया जाता है। कुछ बच्चों ने बताया कि शिक्षक नहीं रहने के कारण आठ-दस बच्चें स्कूल से घर चले गये।

क्या कहते है बच्चें:

विद्यालय में पढ़ रहे आठवीं के छात्र व छात्राओं ने बताया कि स्कूल में पढ़ाई नहीं के बराबर होती है। पारा शिक्षक सुशील सोरेन कभी भी स्कूल में क्लास नहीं लेते है। वहीं दुसरा पारा शिक्षक अनिल कुमार सिंह भी कभी कभार ही आते है। सरकारी शिक्षक प्रतिदिन स्कूल आते है। लेकिन दो दिन से वे भी नहीं आये है। ऐसे में हम बच्चों की पढ़ाई भगवान भरोसे है। 

वहीं इसीएल द्वारा लाखों की लागत से तीन शौचालय का निर्माण कराया गया है लेकिन उपयोग लायक नहीं बनाया गया है। अभिभावकों ने बताया कि बोरिंग किये दो साल हो गया लेकिन उसमें सामान नहीं लगाया गया है। आज भी छात्र-छात्राओं को शौच के लिए बाहर खुले में जाना पड़ता है।

toilet

क्या कहते है अभिभावक: 

कई अभिभावकों ने कहा कि सिर्फ नाम का स्कूल है। जब शिक्षक ही स्कूल नहीं आयेंगे तो बच्चें कैसे पढ़ेंगे। ग्रामीणों ने कहा कि कृषि  मंत्री रणधीर सिंह के क्षेत्र रहने के बाद भी अधिकारी व शिक्षक इतनी मनमानी कर रहे है। जबकि सरकार शिक्षा के क्षेत्र में व्यापक सुधार लाने की बात करती है।

Leave a Reply

Hot Topics

Related Articles

Floating Button Get News Updates On WhatsApp
Don`t copy text!