गिरिडीह:
गर नियत ईमानदार हो और प्रयास सार्थक हो तो खुशहाली दौड़ कर सामने आती है। इसका ताजा तरीन उदाहरण है गिरिडीह के गांडेय प्रखंड अंतर्गत दासडीह पंचायत। वहां के मुखिया हरी मंडल के प्रयास से गांव की सूरत बदल गई है। अब इसके लिए मुखिया जी को देश के प्रधान सेवक नरेंद्र मोदी के हाथो सम्मानित होंगे।
आमतौर पर किसी गांव की चर्चा होते ही कच्ची- पथरीली सड़के, टीन-टप्पर, फुस या खपड़ैल के घर, अस्त व्यस्त माहौल, नदी तालाब से पानी लेकर आती महिलाएं, खुले में शौच करते बच्चे आदि का अक्स जेहन में कौंधता है। लेकिन यकीन मानिए, गिरिडीह के दासडीह पंचायत पहुँचते ही ग्रामीण परिवेश के यह परसेप्शन बदल जायेगा। इस पंचायत के तमाम घरों में शौचालय है। कुएं, चापानल आदि के साथ पेयजल की मुक्कमल व्यवस्था है। इलाके के लोग खुशाहाल हैं और क्षेत्र में हरियाली ही हरियाली है। और यह सब संभव हो सका है इलाके के मुखिया हरि मंडल के ईमानदार प्रयास से। मुखिया जी ने सरकार की तमाम योजनाओं को जन जन तक पहुँचा कर इलाके का चहुँमुखी विकास किया है। इसके लिए अब मुखिया हरि मंडल को देश के प्रधानमंत्री सम्मानित करेंगे।
कहते हैं न कि शिद्दत से अगर किसी कार्य को किया जाए और उसमें समर्पण के साथ साथ विजन भी शामिल हो तो सफलता खुद ब खुद सामने आती है। मुखिया हरि मंडल ने भी संभवतः यही किया। जिसके इलाके के ग्रामीणों का जीवन स्तर सुधर गया है।
मुखिया हरि मंडल का कहना है कि उन्होंने कोई अनोखा कार्य नही किया है। सिर्फ लग-भीड़ कर सरकार की तमाम महत्वकांक्षी योजनाओं को धरातल पर पहुँचाया है। और यह प्रयास उनका आगे भी जारी रहेगा।
बहरहाल,वाकई मुखिया जी ने कोई अनोखा कार्य तो नही किया है। सरकारी मदद से सभी पंचायतों के मुखिया हरि मंडल बन सकते हैं लेकिन इसके लिए उन्नत सोच,समर्पण और त्याग का भाव लाना होगा।निश्चित ही हरि मुखिया इलाके के अन्य जनप्रतिनिधियों के रोल मॉडल बन सकते हैं।