देवघर:
बाबा बैद्यनाथ मंदिर के आस-पास के क्षेत्रों को श्रद्धालुओं के अनुकूल एवं अधिक सुविधाजनक बनाने के दृष्टिकोण से देवघर परिसदन में पर्यटन मंत्रालय की केन्द्रीय-सह-अपर निदेशक मीनाक्षी शर्मा की अध्यक्षता में एक बैठक का आयोजन किया गया.
भारत सरकार की महत्वकांक्षी योजना तीर्थस्थल का कायाकल्प और आध्यात्मिक संवर्द्धन संचालन योजना (प्रसाद योजना) [PRASAD (Pilgrimage Rejuvenation and Spirituality Augmentation Drive)] के तहत बाबा बैद्यनाथ मंदिर के आस-पास के क्षेत्रों को श्रद्धालुओं के अनुकूल एवं अधिक सुविधाजनक बनाने के दृष्टिकोण से देवघर परिसदन में पर्यटन मंत्रालय की केन्द्रीय-सह-अपर निदेशक मीनाक्षी शर्मा की अध्यक्षता में एक बैठक का आयोजन किया गया. जिसमें उपायुक्त राहुल कुमार सिन्हा सहित जिला प्रशासन के अन्य आलाधिकारी उपस्थित थे.
बैठक में मुख्य रुप से शिव गंगा घाट के सौंदर्यीकरण एवं इसके प्रति श्रद्धालुओं की आस्था को ध्यान में रखते हुए इसे और अधिक सुविधाजनक बनाने आदि विषयों पर विचार किया गया. इस संबंध में आये आवश्यक सुझावों पर विचार-विमर्श करते हुए निदेशक मीनाक्षी शर्मा ने कहा कि बाबा बैद्यनाथ मंदिर के आस-पास के क्षेत्रों में लोक आस्था के अनुरूप व श्रद्धालुओं के सहुलियत को ध्यान में रखते हुए आवश्यक सुधार किए जा सकते हैं. ताकि उसका सौंदर्यीकरण किया जा सके. बैठक में बाबा बैद्यनाथ मंदिर के आस-पास के ईलाकों को विकसीत करने को लेकर कई महत्वपूर्ण चर्चा हुई. जिसमें शिवगंगा सौंदर्यीकरण, जलसार पार्क सौंदर्यीकरण के साथ-साथ बैद्यनाथ गली एवं सरदार पंडा लेन तथा शिवगंगा गली का भी सौंदर्यीकरण शामिल है. इसके अलावा कांवरिया पथ में भी यात्रि शेड एवं विश्रामालय का निर्माण कराये जाने का प्रस्ताव है.
मीनाक्षी शर्मा ने कहा कि सुधार श्रद्धालुओं की सुविधा के अनुरूप होने चाहिए एवं जो भी बदलाव हो, उसमें लोक आस्था को सर्वोपरि रखा जाना चाहिये. धार्मिक स्थलों के आस-पास स्वच्छता का होना अत्यंत आवश्यक होता है क्योंकि स्वच्छता का सीधा संबंध आस्था से होता है और स्वच्छता में हीं ईश्वर का वास होता है. वहीं बैठक में प्राप्त सुझावों के तहत् शिवगंगा के पवित्र जल को स्वच्छ रखने हेतु किये जाने वाले उपायों पर विचार-विमर्श करते हुए कहा कि शिवगंगा की स्वच्छता हेतु आवश्यक है कि इसके जल के समुचित संग्रहण व निकास का विशेष ध्यान रखा जाय एवं इसके चारों ओर घेराबंदी कराया जाय. ताकि इस की पवित्रता को बरकरार रखी जा सके. साथ हीं उनके द्वारा कहा गया कि शिवगंगा का उपयोग प्रतिदिन के सामान्य कार्यों के वजाय सिर्फ धार्मिक कार्यों के लिए किया जाना चाहिये. इससे इसका जल प्रदूषित नहीं होगा एवं इसकी स्वच्छता लंबी अवधि तक बनी रहेगी.
बैठक में श्रावणी मेला के दौरान यहां आनेवाले कांवरियों की सुविधा के लिए कांवरिया पथ में भी विश्राम स्थल, सामुदायिक शौचालय आदि का निर्माण कराये जाने पर विचार-विमर्श किया गया. साथ हीं जलसार पार्क को विकसित करने एवं श्रद्धालुओं के लिए लेजर शो, लाइट साउंड शो आदि के निर्माण पर भी विचार किया गया.