धनबाद:
तिरंगे का अपमानित करने वाले को फांसी पर लटका देना चाहिए, सुप्रीम कोर्ट के आदेशों की अवहेलना करने वालों से सरकार को निपटना चाहिए, वोट के लिए नेताओं ने देश हित से सौदा करना शुरू कर दिया है. ये बातें कही जूना अखाड़ा हरिद्वार के महामंडलेश्वर एवं श्रीराम संस्कृति विश्वविद्यालय मेरठ के कुलाधिपति स्वामी डॉ. उमाकांतनंद सरस्वती जी महाराज ने. वो श्रीमद भागवत कथा वाचन के लिए धनबाद आये हुए हैं.
पत्रकारों से बात करते हुए डॉ. उमाकांतनंद सरस्वती जी महाराज ने कहा कि प्रारम्भ कर्म का एक विशेष अंश है, जो इस जन्म के भोगों का निर्धारण करता है. जीव स्थूल देह में नवीन कर्म करता रहता है, यह संचितकर्म कहलाते हैं. उन्होंने कहा कि आज कुछ राजनीतिज्ञ लोगों के बीच धर्म को बाँटने का काम कर रहे हैं. वो भूल गये हैं कि पहले हम भारतीय हैं. मुद्दों पर चर्चा के बजाये लोग हिंसात्मक आन्दोलन कर रहे हैं. पत्थर इकठ्ठे कर रहे, हथियार लेकर सड़क पर निकल रहे ये आन्दोलन नहीं बल्कि सोची-समझी साजिश है.
उमाकांतनंद सरस्वती जी महाराज ने कहा कि इस देश को कितने भी राम-रहीम करने वाले आ जायें या राम-भीम करने वाले आ जायें. इन्हें कोई बंट नहीं सकता. ऐसे लोगों की मानसिकता बस अपने स्वार्थ के लिए है.
वहीँ उन्होंने देश में संतो के नाम पर फर्जीवाड़ा करने वाले तथाकथित संतो पर भी कटाक्ष किया. कहा कि इस तरह के ढोंगी संतो को आगे बढ़ाने में उनके अनुयायी ज्यादा शामिल है. कोई भी संत साधारण वेश भूषा वाले होते है. ऐसे लोगों से सावधान रहने की आवश्यकता है.