धनबाद:
धनबाद रेल मंडल से छीनी गयी 26 जोड़ी ट्रेनों की वापसी की मांग को लेकर धनबाद डीआरएम कार्यालय के मुख्य द्वार पर आम जनता की ओर से आमरण-अनशन शुरू किया गया. अनशन के माध्यम से सरकार का ध्यान पिछले नौ महीनो से बंद पड़े डीसी लाइन की आकर्षित करने की कोशिश की जा रही है. आमरण अनशन के जरिये कहा जा रहा कि इससे आम लोगों को नुकसान तो हो ही रहा है, इस बंदी से सरकार के राज्यस्व का भी भारी नुकसान हो रहा है.
अनशनकारियों को मिला समर्थन:
26 जोड़ी ट्रेनों की वापसी की मांग को लेकर अनशन पर बैठे अनशनकारियों के समर्थन में पूर्व बियारड़ा अध्यक्ष विजय झा भी उतर गएँ और केंद्र और राज्य सरकार के फैसले के विरुद्ध अनशन कर रहे लोगों की मांग को जायज़ बताते हुए कहा कि जिस भूमिगत आग का हवाला देते हुए 52 ट्रेनों को धनबाद चंद्रपुरा लाइन से छिना गया उसपर ट्रेन चलाने के लिए रेलवे के अधिकारी आज भी तैयार हैं.
सरकार को भी हो रहा है राजस्व का भारी नुकसान:
आयकर विभाग के प्रधान आयुक्त ललित मोहन पांडेय की भी माने तो धनबाद-चंदपुरा लाइन के बंद होने के बाद जो बीसीसीएल हर साल 200 करोड़ टैक्स देती थी वह संस्था वह अब 35 करोड़ ही टैक्स दे पा रही है, रेल बंदी का हवाला देते हुए.
डीजीएमएस एवं बीसीसीएल पर सीबीआई जाँच की मांग:
अनशनकारी अतुल आनंद ने कहा कि 26 जोड़ी ट्रेनों के बंद होने से यहाँ से इलाज के लिए दूर-दराज जाने वाले लोगों के समक्ष विकट समस्या उत्पन्न हो गयी है. ट्रेनों के बंद होने के कारण छात्रों के आवागमन पर भी इसका गहरा असर पड़ा है. ट्रेनों से सफर कर पढाई करने वाले छात्र काफी परेशान है. लोगों के रोज़गार पर असर पड़ा है.
अनशनकारी ने बंद ट्रेनों की पुनः परिचालन की मांग की है साथ ही रेल बंदी को लेकर डीजीएमएस एवं बीसीसीएल पर सीबीआई जाँच की मांग की है. जबतक मांगे पूरी नहीं होती तबतक ये अनशन पर बैठे रहेंगे.