साहेबगंज:
साहेबगंज के गंगा में डॉलफिन के संरक्षण के लिये वन विभाग ने जनजागरण चलाने की योजना तैयार की है. इस योजना में 15 युवाओं को वन प्राणी संरक्षण प्रशिक्षण केंद्र देहरादून भेजकर प्रशिक्षित किया जाएगा, ताकि गंगा नदी के दुर्लभ डॉलफिन को बचाया जा सके.
झारखंड राज्य का एक मात्र जिला साहेबगंज जहा गंगा नदी मे डॉलफिन पाई जाती है. साहेबगंज के अलावा राजमहल, राधानगर, वेस्ट बंगाल के फरक्का में पाई जाती है. अभी हाल के दिनों में साहेबगंज के राधानगर थाना क्षेत्र के बेगमगंज में डॉलफ़िन का शिकार होने की घटना सामने आई थी, प्रशासन ने इसे गंभीरता से लेते हुए मामले में एक व्यक्ति को गिरफ्तार भी किया था. आरोपी डॉलफ़िन की हत्या कर उसका तेल बेच रहा था. अभी राजमहल में भी कुछ दिनों पहले डॉलफ़िन के शिकार की शिकायत सामने आई थी.
इन्हीं सब की वजह से वन विभाग ने एक योजना बनाकर 15 युवाओं को वन प्राणी संरक्षण प्रशिक्षण केंद्र देहरादून भेजकर प्रशिक्षित करने की योजना बनाई है ताकि इससे जन जागरण चला कर डॉलफ़िन का शिकार होने से बचाया जा सके.
साहेबगंज के वन प्रमंडल पदाधिकारी मनीष तिवारी का कहना है कि डॉलफ़िन हमारा राष्ट्रीय जल प्राणी है, अभी 15 लोगों को भेजा गया है ट्रेनिंग के लिये कि कैसे डॉलफ़िन को बचाया जाये. साथ ही स्टेट के पास वाइल्ड लाइफ सेंचुरी साहेबगंज में होने का एक प्रस्ताव भेजा जायेगा. साथ ही जनजागरण चलेगा कि डॉलफ़िन को मारने से कोई फायदा नहीं है, इसको बचाना हमारा कर्तव्य है.
वहीं भू-विभाग के प्रोफेसर डॉ रंजीत का कहना है कि डॉलफ़िन जो गंगा की गाय कही जाती है, चूँकि, साहेबगंज के गंगा में डॉलफ़िन पायी जाती है. इसलिए इसे बचाने के लिए स्थानीय लोगों को जिम्मेवारी देनी होगी. डॉलफ़िन की हत्या होना और तस्करी होना यह एक चिंता का विषय है. कानून का डर लोगों में कायम करना होगा ताकि लोग इसकी हत्या नहीं करें.