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कानून के रखवालों के भवन निर्माण में बाल श्रम कानून की उड़ रही धज्जियाँ

रिपोर्ट: बिपिन कुमार

धनबाद: 

धनबाद के बैंक मोड़ थाना परिसर में मॉडल थाना के बिल्डिंग निर्माण के दौरान बाल संरक्षण अधिनियम का उल्लंघन किया जा रहा है. बिल्डिंग निर्माण में संवेदक द्वारा बच्चों से काम लिया जा रहा है. थाना में पुलिस के वरीय पदाधिकारियों का भी आना-जाना लगा रहता है लेकिन किसी ने भी इस पर सुधि लेना मुनासिब नहीं समझा. 

मॉडल थाना बिल्डिंग निर्माण में बाल श्रम:

शहर के बीचो बीच रिहायशी इलाकों में स्थित बैंक मोड़ थाना परिसर में मॉडल थाना की बिल्डिंग का निर्माण किया जा रहा है. बिल्डिंग निर्माण में खुले आम  पुलिस के समक्ष बाल श्रम अधिनियम का उल्लंघन किया हो रहा है. 14 साल से भी कम उम्र के बच्चे बिल्डिंग निर्माण का काम कर रहे हैं. 

जाम

मुंशी ने दी सफाई: 

बच्चों से बिल्डिंग निर्माण का काम करवा रहे संवेदक के मुंशी ने सफाई देते हुए कहा कि ये बच्चे अभी आए हैं, सभी को काम पर नहीं रखा गया है. सब खुद से ही काम करने लगे हैं, सभी को हटवाया जा रहा है. 

पुलिस के सामने हो रहा बाल श्रम:

समय-समय पर पुलिस के वरीय पदाधिकारी इंजीनियर के साथ इसकी गुणवत्ता की जांच भी करते हैं, लेकिन बड़े ही अफसोस की बात है कि यहाँ मौजूद पुलिस कर्मियों व आने जाने वाले वरीय पुलिस पदाधिकारियों को बच्चों द्वारा काम कराए जाने पर नजर नहीं पड़ती. 

संवेदक पर होगी कार्रवाई: 

वहीँ जिला बाल कल्याण समिति के सदस्य शंकर रवानी ने कहा कि मामले की जानकारी मिली है. उन्होंने कहा कि श्रम विभाग को कमिटी का गठन कर छापेमारी करने का निर्देश दिया गया है. जाँच के बाद संवेदक के खिलाफ कार्रवाई करने की बात समिति के सदस्य ने कही है साथ ही कहा कि यदि पुलिस के नाक के नीचे बालश्रम कराया जा रहा है तो यह गलत है. सबसे पहले तो उन्हें इस पर रोक लगाकर सम्बंधित विभाग को सुचना देनी चाहिए. 

तीन साल के लिए खा सकते हैं जेल की हवा: 

जिला बाल कल्याण समिति के सदस्य शंकर रवानी ने बताया कि बाल श्रम अधिनियम का उल्लंघन करते पकडे जाने पर बीस हजार रुपए जुर्माना के तौर पर राशि की वसूली की जाती है. साथ ही दोबारा पकडे जाने पर तीन साल के जेल का प्रावधान है. 

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