धनबाद :
धनबाद पुलिस अपनी कार्यशैली को लेकर अक्सर सुर्ख़ियों रहती है. ताजा मामला धनबाद के बलियापुर थाना क्षेत्र के गुलूडीह में गत 23 फरवरी को शिव मंदिर प्रांगण में नरबलि के शक्ल में राजेश उर्फ राजू मोदक हत्याकांड मामले में मृतक के परिजनों को प्रताड़ित करने से जुड़ा है. मृतक की पीड़ित माँ और भाई एसएसपी से गुहार लगाने धनबाद पहुंचे थे. एसएसपी से भी मुलाकात नहीं होने की स्थिति में आवेदन जमा कर न्याय की गुहार लगाई और मीडिया से मिलकर अपना दर्द बयां किया.
सबसे पहले आपको यह बता दें कि पिछले 23 फरवरी की सुबह बलियापुर गुलुडीह स्थित शिव मंदिर के पुजारी राजेश की धारदार हथियार से मारकर हत्या कर दी गई थी. परिजनों ने नरबलि की आशंका जताते हुए मामला दर्ज करने का आवेदन थाने को दिया था. घटना के बाद इलाके में सनसनी फैल गयी थी. परिजनों का आरोप है कि पहले जाँच के क्रम में एक युवती और उसके तीन अन्य सहयोगियों से पुलिस ने थाने में बुलाकर पूछताछ की थी लेकिन बाद में पुलिस ने अपने जाँच की गति को गलत दिशा में मोड़ दिया और परिजनों पर ही हत्या का आरोप लगाकर मृतक के भाई और माँ को टॉर्चर करना शुरू कर दिया. थाने में पूछताछ के नाम पर बुलाकर बुरी तरह मारपीट किये जाने और भद्दी-भद्दी गलियां दिए जाने का आरोप भी परिजनों ने पुलिस पर मढ़ा है. तंग आकर परिजन वरीय पुलिस अधीक्षक से गुहार लगाने पहुंचे.
घटना के दिन सिंदरी इंस्पेक्टर दीप नारायण ने कहा था कि साजिश के तहत हत्या की गई है. प्रथम दृष्टया नरबलि जैसी घटना प्रतित होने की बात पुलिस ने स्वीकार की थी. लेकिन अब प्रताड़ना परिजनों को मिल रही है और आरोपी खुले में घूम रहे हैं. सबसे सोचनीय विषय यह है कि अबतक परिजनों को आवेदन की रिसीविंग, केश नंबर और पोस्टमार्टम रिपोर्ट तक नहीं दी गयी है.