महिला दिवस पर खास:
पलामू:
आनंद मार्ग प्रचारक संघ की अवधूतिका आनंदरुद्रवीणा आचार्या का कहना है कि महिला सशक्तिकरण की बात अब केवल दिखावा ही रह गया है।
महिलाओं को हर स्तर पर अधिकार देना होगा तभी महिलाओं का सर्वांगीण विकास संभव है। महिला तो भौतिक स्तर पर स्वालंबी हो रही है, परंतु उन्हें मानसिक एवं आध्यात्मिक स्तर पर भी विकसित होने का अवसर प्रदान करना होगा। हम महिलाओं को केवल पुरोहित गिरी का अधिकार ही नहीं बल्कि महिलाओं द्वारा वैवाहिक कार्यक्रम, दाह संस्कार कर्म, श्राद्ध कर्म करने का भी अधिकार समाज को देना होगा। आज तक समाज में पुरुष पुरोहित के द्वारा ही सारे धार्मिक कर्मकांड, संस्कार कार्यक्रम संपन्न होता था।
आनंद मार्ग के संस्थापक श्री श्री आनंदमूर्ति जी ने महिलाओं को पुरोहित गिरी का अधिकार देकर महिला सशक्तिकरण को मजबूत किया समाज में सभी को समान अधिकार है। इससे किसी को वंचित करना घोर पाप है। महिला एवं पुरुष समाज रूपी गाड़ी के दो पहिए हैं इनके समान अधिकार के बिना समाज का सर्वांगीण उत्थान संभव नहीं है महिला एवं पुरुष को आनंदमार्ग में समान अधिकार दिया गया हैं। महिलाओं को भी मानसिक शारीरिक एवं आध्यात्मिक उत्थान का अधिकार मिलना चाहिए। अंधविश्वास से भी महिलाओं को ऊपर उठाना होगा। शादी विवाह के लिए सभी समय सुबह जब सभी भगवान के ही बनाए हुए हैं तो सब कुछ समान है हर समय शुभ है इसका भेदभाव समाज में खत्म करना होगा तभी समाज का सर्वांगीण विकास संभव होगा।
आचार्या ने कहा कि नारी और पुरुष दोनों एक ही परम पिता के संतान है क्योंकि दोनों परम पिता के संतान हैं इसलिए जीवन की अभिव्यक्ति और अधिकार के क्षेत्र में दोनों को समान अधिकार है।