साहेबगंज:
साहेबगंज शहर के लोग खासमहल को खत्म करने की मांग सरकार से लगातार कर रहे हैं. सोमवार को साहेबगंज खासमहल उन्मूलन समिति द्वारा शहर को बंद का आह्वान किया गया था. कमिटी के लोगों के समर्थन मे लोगों ने बज़ार को बंद रखा.
खासमहल जिसे लोग काले कानून के तौर पर बोलते है उसे खत्म करने की मांग को लेकर लोगों ने आज अपनी-अपनी दुकानों को बंद कर विरोध जताया. साक्षरता चौक से लेकर सब्जी मंडी फल की दुकाने बंद मिली.
समिति के सदस्य का कहना है कि साहेबगंज को इस काले कानून से अगर सरकार जल्द निजात नहीं दिलाई तो जनता आंदोलन करने को मजबूर होगी.
क्या है खासमहल:
साहेबगंज की जनता खासमहल को काला कानून कहती है, खासमहल अंग्रेजों के ज़माने से बनाई हुयी नीति है. जिसे आज भी यहाँ की जनता ढो रही है. इस कानून के तहत साहेबगंज शहर में लोगों को 99 साल की लिज़ पर ज़मीं उपलब्ध होती है. जो की हमेशा के लिए ज़मीन के खरीददार की नहीं होती है. इस ज़मीन के एवज़ में लोग न तो ढंग का व्यापार कर सकते हैं, न ही ज़मीं बेच सकते हैं, और न ही ज़रूरत पड़ने पर किसी तरह का ज़मीं से लोन ले सकते हैं. ऐसे में स्थानीय लोगों को काफी परेशानी हो रही है. अब इस कानून को खत्म करने की मांग यहाँ के लोगों ने सरकार से की है.