रिपोर्ट: बिपिन कुमार
धनबाद:
आर्थिक तंगी ने एक परिवार के होली की खुशियाँ मातम में बदल दी. एक माडा कर्मी की पीएमसीएएच अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई. मौत बीमारी से नहीं बल्कि आर्थिक तंगी से तंग आकर की गयी आत्महत्या की कोशिश से हुई. होली के तीन दिन पूर्व ही माडा कर्मी ने विषपान कर जान देने की कोशिश की थी, जो आज काल के गाल में समा ही गया.
माडा मुख्यालय में क्लर्क के पद पर कार्यरत अरुण कुमार लाल ने परेशान होकर तीन पहले ही विषपान कर जान देने की कोशिश की थी. परिजनों द्वारा उन्हें आनन फानन में पीएमसीएच अस्पताल में भर्ती कराया गया था। आख़िरकार दो दिनों तक जिंदगी से जद्दोजहद के बाद इलाज के दौरान उनकी मौत हो गयी.
36 महीनो से नहीं मिला था वेतन:
मृतक अरुण के पुत्र दीपक ने बताया कि पिछले 36 महीने से वेतन बकाया चल रहा था. घर की आर्थिक स्थिति दयनीय चल रही थी. ऊपर से होली का त्योहार सामने था, होली को लेकर अपने परिवार के लिए वे बेहद चिंतित थे. उन्होंने कहा कि वेतन नहीं मिलने के कारण पापा के ऊपर कर्जदारों का भी काफी दबाव था. दीपक का कहना है कि उनके पापा की मौत आर्थिक तंगी के कारण हुई और इसके लिए उन्होंने सरकार को दोषी करार दिया.
पूर्व में भी हो चुकी है घटना:
आर्थिक तंगी के कारण पहले भी इस तरह की घटना सामने आ चुकी है. चार लोगों की मौत इलाज के आभाव में पूर्व में हो चुकी है. जानकारी के मुताबिक, 1132 माडा कर्मी आर्थिक तंगी झेल रहे हैं. इन कर्मियों का वेतन महीनों से नहीं मिल रहा है. 1000 रिटायर्ड कर्मियों का पावना बकाया चल रहा है.