रिपोर्टः एजाज़ अहमद
देवघर/मधुपुरः
मधुपुर प्रखंड क्षेत्र के गोनैया पंचायत की मुखिया सरिता देवी पर सरकारी राशि के दुरूपयोग करने और विभिन्न योजनाओं के क्रियान्वयन में अनियमितता बरते जाने के आरोप में उनकी वित्तीय शक्ति को तत्काल प्रभाव से शिथिल किया गया है.
देवघर समाहरणालय से जारी आदेष पत्र में कहा गया है कि ग्रामीण विकास विभाग, रांची के निर्देशानुसार संयुक्त निदेशक सह संयुक्त सचिव द्वारा दिनांक 12.10.2017 एवं 13.10.2017 को मधुपुर प्रखंड के गोनैया पंचायत में मनरेगा के तहत डोभा निर्माण की योजनाओं का निरीक्षण व जांच किया गया था. जिसमें अनियमितता की बात सामने आयी थी. जांच के बाद सरकारी राशि के गबन/दुर्विनियोग के लिये सभी संबंधित व्यक्तियों से गबन की राशि की वसूली 12 प्रतिषत ब्याज सहित वसूले जाने, सरकारी राषि गबन मामले में शामिल सरकारी पदाधिकारियों/कर्मचारियों के विरूद्ध नियमानुसार निलंबन व प्रपत्र ‘क’ में आरोप गठित कर उपलब्ध कराये जाने समेत मामले में संलिप्त संविदा कर्मियों का संविदा रद्द करने व पंचायत की मुखिया के विरूद्ध पंचायती राज अधिनियम 2001 के तहत कार्रवाई करने की बात कही गयी थी. इसको लेकर राज्य स्तरीय निरीक्षण दल व मधुपुर अनुमंडल पदाधिकारी द्वारा जांच दल गठन किया गया.
निरीक्षण दल से प्राप्त जांच प्रतिवेदन में गोनैया पंचायत की मुखिया सरिता देवी, तत्कालीन बीडीओ संतोष कुमार चौधरी, प्रखंड कार्यक्रम पदाधिकारी अनिता सोरेन, कनीय अभियंता हरेराम कृष्ण, पंचायत सचिव लखी राम हेम्ब्रम, रोजगार सेवक बोलो राम टुडू के विरूद्ध सरकारी योजनाओं की राशि में गबन करने, 14वें वित्त आयोग की योजनाओं में अनियमितता बरतने का मामला उजागर हुआ. मामले के बाद संलिप्त सभी पदधारकों से स्पष्टीकरण मांगा गया था.
दिये गये स्पष्टीकरण में प्रथम दृष्टिया संतोषजनक नहीं पाये जाने पर ग्रामीण विकास विभाग, (पंचायती राज) रांची के आदेश संख्या 182, दिनांक 4.7.2017 के अनुसार पंचायत के पदधारकों के विरूद्ध कदाचार, भ्रष्टाचार, कर्तव्यों के अनुपालन में शिथिलता बरतने की स्थिति में जिला निर्वाचन पदाधिकारी को मुखिया की वित्तीय शक्ति को निलंबन का अधिकार सुरक्षित रखा गया था. इसी आलोक में गोनैया पंचायत की मुखिया का वित्तीय शक्ति पर रोक लगाते हुए वैकल्पिक व्यवस्था का आदेश जिला निर्वाचन पदाधिकारी देवघर को दिया गया है.