रिपोर्ट: बिपिन कुमार
धनबाद:-
धनबाद के बरटांड़ में ट्रैफिक पुलिस द्वारा नो पार्किंग में खड़ी एक रसूकदार की कार को हटाने को कहा ही था कि जमकर तू-तू मैं-मैं शुरू हो गयी. बहस इतनी बढ़ गयी कि बीच-बचाव के लिए धनबाद नगर निगम के अपर नगर आयुक्त को आना पड़ा. तब जाकर मामला शांत हुआ.
क्या है पूरा मामला:
जानकारी के मुताबिक धनबाद नगर निगम के किसी बड़े अधिकारी के प्रिय व्यक्ति की कार नो पार्किंग में खड़ी थी. जिससे सड़क पर वाहनों के आवागमन में परेशानी हो रही थी. बार-बार जाम लम्बे जाम लग जा रहे थे. जाम को हटाने के लिए नो पार्किंग में खड़ी कार को हटाने यातायात पुलिस मौके पर पहुंची. ट्रैफिक पुलिस ने जैसे ही कार हटाने को कहा विवाद शुरू हो गया और घंटो हाई-वोल्टेज ड्रामा चला. मामला इतना बढ़ गया कि यातायात पुलिस के अधिकारी को भी पहुंचना पड़ा. लेकिन मामला शांत नहीं हुआ. आख़िरकार, मामला को शांत करने के लिए अपर नगर आयुक्त महेश संथालिया को आना पड़ा. फिर मामला को रफा-दफा किया गया.
रसूकदार के आगे पुलिस की एक न चली:
वहीं पूरे मामले में एक बात तो साफ है कि रसूकदारों के आगे प्रशासन की एक नहीं चलती. जिसका उदहारण देखने को मिला. वहीं पूरे मामले में ट्रैफिक एएसआई की माने तो जाम के कारण पहले तो कार को हटाने को कहा गया. जिसके बाद विवाद बढ़ा. वहीं बड़े अधिकारियों के समझाने के बाद कार को छोड़ना भी पड़ा.