देवघर/जसीडीहः
रांची-दुमका इंटरसिटी ट्रेन के डब्बे के बाथरूम से एक महीने के बच्चे को जसीडीह आरपीएफ ने बरामद किया है. लेकिन इस एक माह के बच्चे के पीछे कहानी लंबी है.
आपको सूनकर आश्चर्य होगा लेकिन इसे फेंकने वाला और कोई नहीं बल्कि इसकी मां ही है. जिसने परिजन और पति से प्रताड़ित होकर अपने बच्चे को मौत के मुंह में धकेल दिया. आरपीएफ और आम लोगों की मदद से मां को भी ट्रेन के डब्बे से बरामद किया गया. फिलहाल बच्चे और मां को चाइल्ड लाइन को सुपुर्द कर दिया गया है.
तफ्तीश में पता चला कि महिला ने प्रेम विवाह किया था, लेकिन एक साल में ही पति और मायके वालों ने उसे अपनाने से इंकार कर दिया. ऐसे में नवजात बच्चे को लेकर वह कहां जाए समझ नहीं आया तो रांची-दुमका इंटरसिटी में सवार हो गई. अपनों का साथ छुटा तो दिमाग काम करने नहीं लगा, बेबस मां ने बच्चे को बाथरूम के बाहर छोड़ दिया. डब्बे में जब बच्चे के रोने की आवाज़ गुंजी तो पूरे डब्बे में खलबली मच गई. यात्रियों ने बच्चे की मां को खोजना शुरू किया. तब तक ट्रेन जसीडीह पहुंच चुकी थी. ट्रेन जसीडीह स्टेशन पर रुकी तो आरपीएफ को खबर दी गई. आरपीएफ ने डब्बे को खंगाला तो मां और बच्चे दोनों ही बरामद कर लिए गए.
महिला ने बताया:
मां सदमे में दिखी. लेकिन टूटी-फूटी भाषा में अपनी आपबीती सुनायीं. महिला शांति कुमारी ने बताया कि उसके पति ने जब उसे रखने से इंकार कर दिया तो वह मायके वाले के पास गयी. लेकिन मायके वालों ने भी उसे नहीं अपनाया. एक माह पहले दिसंबर माह में ही उसने बच्चे को जन्म दिया है. अकेली मां बच्चे को कैसे पालती. रांची से ट्रेन पर तो चढ़ी लेकिन कुछ समझ में न आने के कारण बच्चे को अकेला छोड़ खुद भागने की तैयारी में थी. लेकिन इससे पहले कि बच्चे के साथ कोई अनहोनी होती यात्रियों की नज़र बच्चे पर जा पड़ी.
गर्दन पर निशान:
वहीं, महिला के गर्दन पर कई कटे का निशान भी है. महिला खुद भले न कुछ बोले लेकिन इसके दर्द बता रहे हैं कि इसके साथ मारपीट भी की गयी है.
RPF ने दिखाई संजीदगी:
महिला और बच्चे को आरपीएफ ने अपने पास रखा. आरपीएफ एएसआई मनोज कुमार ने इस पूरे मामले पर अपनी संजीदगी भी दिखाई. पहले महिला को खाना खिलाया, उसके बाद चाइल्ड लाइन को सूचना दी गयी. काफी पूछताछ के बाद महिला और बच्चे को चाइल्ड लाइन के हवाले कर दिया गया.
फिलहाल महिला कुछ बोलने की स्थिति में नहीं है. सीडब्ल्यूसी उसे काउंसलिंग के लिए ले गई. काउंसलिंग के बाद उसके परिजनों का पता लगाया जायेगा. अनुसंधान कर पुरे मामले को निपटाया जाएगा.