रिपोर्टः गौतम मंडल
देवघर/पालोजोरी:
बुजूर्ग आदिवासी महिला.. जिसे न पढ़ना आता है.. न लिखना.. बैंक में खाता तो है लेकिन खाते से पैसे निकालने हो तो किसी पढ़े-लिखे की मदद लेनी होती है. ऐसे में बैंक में जमा राशि का बड़ा हिस्सा गायब होने पर बुजूर्ग महिला सकते में हैं.
देवघर जिले के अंतिम छोर पर स्थित कसरायडीह पंचायत के त्रिभुना गांव की बुजूर्ग आदिवासी महिला ठकुरन देवी का खाता वनांचल ग्रामीण बैंक बगदहा में हैं. जहां से करीब दो लाख रूपये की फर्जी निकासी हो गयी है. फर्जी निकासी का आरोप महिला के भतीजे पर लगा है. भतीजा पंचायत समिति सदस्य भी है.
जानकारी के मुताबिक त्रिभुना गाँव की ठकुरन देवी के इकलौते बेटे की मौत ट्रेन से कटकर हो गई थी. ठकुरन देवी के पति भी नहीं हैं. ऐसे में बेटे की मौत के बाद भतीजे ज्योतीन मरांडी के सहयोग से बुजूर्ग महिला ने रेलवे में क्लेम किया. रेलवे ने महिला को मुआवजा के तौर पर चार लाख तिरपन हजार पांच सौ तेईस रूपये का चेक दिया.
महिला ने वनांचल ग्रामीण बैंक बगदहा में अपने खाते में चेक जमा किया. जहां चेक की राशि भी खाते में जमा हो गई. लेकिन, महिला उस वक्त सकते में आ गयी जब उसे यह पता चला कि उसके खाते से चार बार 49 हजार करके एक लाख 96 हजार राशि निकाली जा चुकी है.
ठकुरन देवी ने बताया कि रेलवे से चेक मिलने के बाद ज्योतीन ने वकील को दो लाख देने की बात कही थी. साथ ही यह भी कहा था कि वकील को वह पैसा ठकुरन को खुद देना होगा. जबकि पैसा आने के बाद न तो वकील आया न तो भतीजे ने वकील को पैसे देने की बात कही.
ठकुरन ने बताया कि भतीजा ज्योतीन ने चार से पांच बार बैंक में चेक राशि लोड नहीं होने का कारण बताकर निकासी फार्म पर अंगुठे का निशान लिया था. ऐसे में पैसे की निकासी होने पर शक की सुई उसी पर जा रही है.
महिला ने कहा कि मैं गरीब और लाचार हूं. हाल ही में दस-दस हजार रूपये कर करीब 30 हज़ार रूपये की निकासी की है. लेकिन एक लाख छियानबे हजार रुपए खाते से कैसे गायब हुए इसकी जानकारी नहीं है. पीड़िता ने मामले की जांच की मांग की है.
इधर, आरोपी भतीजे सह पंचायत समिति सदस्य ज्योतीन मरांडी ने अपने ऊपर लगे सभी आरोप को निराधार बताया है. उन्होंने कहा कि पैसे वकील को देने थे. उनके पास लिखित है. उन्होंने कोई पैसे नहीं लिये हैं.