देवघर:
पैगंबर-ए-इस्लाम की यौम-ए-पैदाइश का त्योहार ईद-मिलाद-उन-नबी बड़े ही अकीदत के साथ मनाया गया. घरों और मस्जिदों में मिलाद की महफिल, कुरआन ख्वानी, फातिहा ख्वानी, नात ख्वानी की गयी. मस्जिदों और दरगाहों को फूलों, झालरों और गुब्बारों से सजाया गया है. ईद-मिलाद-उन-नबी के मौके पर देर रात जगह-जगह महफिल-ए-मिलाद का आयोजन किया गया है.
ईद-मिलाद-उन-नबी के मौके पर मुस्लिम कौम के लोगों द्वारा विभिन्न जगहों पर जुलूस निकाला गया. देवघर में भी बड़े धूम-धाम से जुलूस निकला. अकीदतमंदों की भीड़ उमड़ी. जुलूस में सरकार की आमद मरहबा… सरीखी कव्वालियाँ, नात की आवाज़ गूंजी तो अमन, चैन व खुशहाली का पैगाम देते झंडे और बैनर नज़र आये. जुलूस के ज़रिये मोहब्बत का पैगाम दिया गया. जुलूस-ए-मोहम्मदी में वतन परस्ती का भी पैगाम दिया गया. नौजवानों ने हांथों में तिरंगा लिए हिंदुस्तान जिंदाबाद के भी नारे लगाये और हज़रत मोहम्मद के दिए गये पैगाम वतन के लिए मर-मिटने का संदेश पुरे कौम में देने की कोशिश की.
मिलाद-उन-नबी यानी इस्लाम के संस्थापक पैगंबर मोहम्मद साहब का जन्मदिन रबीउल अव्वल महीने की 12 तारीख को मनाया जाता है. मक्का शहर में 571 ईसवी को पैगम्बर साहब हजरत मोहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम का जन्म हुआ था. इसी याद में ईद-मिलाद-उन-नबी का पर्व मनाया जाता है. हजरत मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने ही इस्लाम धर्म की स्थापना की है और ये इस्लाम के आखिरी नबी हैं, आपके बाद अब कायामत तक कोई नबी नहीं आएंगे.