देवघरः
कहते हैं जब आपके चारों ओर अंधेरा हो तो उपर वाला कहीं न कहीं से थोड़ी से रौशनी भेज ही देता है. जी हां ऐसा ही कुछ हुआ देवघर के मोहनपुर थाना क्षेत्र के लेटवावरण के रहने वाले दामोदर यादव के साथ.
दामोदर जो खुद दिव्यांग हैं. इनकी पत्नी भी दिव्यांग हैं. दोनों पति-पत्नी अपने दर्द को छुपा जीवन में खुश तो थे, लेकिन दर्द तब छलका जब दो बेटे में से बड़ा बेटा प्रमोद यादव को जन्म के साथ ही अस्पताल के चक्कर लगाने पड़े और आस तब टूटी जब बच्चे को बेहतर ईलाज के लिए बैंगलुरू ले जाने को कहा गया लेकिन आर्थिक स्थिती आड़े आ गयी.
लेकिन, कहते हैं न जिसका कोई नहीं उसका खुदा है यारो.. तो बच्चे के ईलाज के लिए स्थानीय लोग आगे आये.
सोशल मिडिया का सहारा लेते हुए एक-दूसरे से देवघर के युवाओं ने संपर्क किया और एक-एक कर लोग आगे आते गये. देवघर के ब्लड बैंक परिसर में लोगों ने हजारों रूपये इकट्ठा कर दामोदर को दिया ताकि उनके बच्चे का सही ईलाज हो पाये.
दरअसल, प्रमोद को जन्म के साथ दिमाग का कोई नस दबा है. जिससे उसका शारिरिक विकास नहीं हो पा रहा. अब, बेहतर ईलाज के लिए बैंगलुरू भेजा गया है. जिसके लिए देवघर के युवाओं ने मदद की है.