रिपोर्ट: गौतम मंडल
जामताड़ा:
शिक्षा विभाग का खेल काफी निराला है. विभाग भवन बनाने और एमडीएम के नाम पर लाखो रुपये लुटा रही है. लेकिन क्या बच्चों को बेहतर शिक्षा देने के लिए भवन निर्माण और MDM के नाम पर दिए जा रहे राशियों का सही इस्तेमाल हो रहा है. शायद इससे नावाकिफ है.
इसकी एक बानगी जामताड़ा जिले के फतेहपुर प्रखंड में आसानी से देखी जा सकती है. यहा दर्जनभर ऐसे विद्यालय है जहां बच्चे कम लेकिन भवन का अंबार लगा दिया गया है. हालांकि कई विद्यालय ऐसे है जहां रसोईघर का भवन तक नसीब नही हुआ है. कहीं मिला भी है तो सचिव व अधिकारी की लापरवाही के कारण अधुरा पड़ा है.
ऊ0 प्रा0 वि0 डाढपुजा:
फतेहपुर प्रखंड अंतर्गत डुमरिया पंचायत के उत्क्रमित प्राथमिक विद्यालय डाढपुजा में एक झोपड़ी बनाकर बच्चो के लिए मध्याह्न भोजन पकाया जाता है. झोपड़ी भी ऐसी जिसका छप्पर उड़ चुका है.
खुले आसमान के नीचे भोजन बनता है. जिस बर्तन में खाना बनते देखा गया वह बर्तन भी खुला हुआ दिखा. लिहाज़ा, पक रहे भोजन मे कभी भी कीड़ा-मकोड़ा गिर सकता है. लेकिन इसकी चिंता न तो विद्यालय सचिव को है न ही बीइईओ को. पूछे जाने पर सचिव ने कहा कि बीआरसी की प्रत्येक बैठक में रसोईघर बनाने की मांग करते है. लेकिन अभी तक इसके लिए राशि आवंटित नही की गयी है. किसी तरह झोपड़ी बनाकर चला रहे है.
ऊ0 प्रा0 वि0 आमगाछी:
बनुडीह पंचायत अंतर्गत उत्क्रमित प्राथमिक विद्यालय आमगाछी में अधूरे पड़े अतिरिक्त विद्यालय भवन के बरामदे पर मध्याह्न भोजन बनाया जाता है. ऐसा नही है कि यहा रसोईघर नही है. रसोईघर है लेकिन वर्षो से आधा-अधुरा पड़ा है.
कार्यरत रसोइया ने बताया कि दो साल से रसोईघर अधुरा पड़ा है. जिसे देखनेवाला कोई नही है. मजबुरन हमलोग अधूरे स्कूल भवन के बरामदे मे भोजन पकाते है. इस वजह से आंधी पानी के कारण काफी परेशानी होती है. उप्रावि आमगाछी के सचिव ने कहा कि रसोईघर पुर्व सचिव बना रहा है. शौचालय व भवन भी अधुरा पड़ा है. जिससे दिक्कत हो रही है.