गोड्डाः
सदर अस्पताल गोड्डा
गोड्डा जिले की लाइफ लाइन कहे जाने वाली सदर अस्पताल में सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है. भव्य नए भवन के निर्माण के साथ लोगों की उम्मीदें भी बढ़ी मगर नहीं बढ़ा तो सदर अस्पताल में संसाधन.
यूं तो झारखण्ड में सरकारी अस्पतालों में सुविधाओं का हाल किसी से छिपा हुआ नहीं है. गोड्डा का सदर अस्पताल भी इससे अछुता नहीं है. सदर अस्पताल में स्थित प्रसव वार्ड की स्थिति तो और भी भयावह है. प्रसव के लिए आने वाली महिलाओं या फिर प्रसूता महिलाओं को बिस्तर तक नसीब नही होता. तीस बिस्तर वाले प्रसव वार्ड में उम्मीद से ज्यादा गर्भवती महिलाओं के आने के बाद सारा सिस्टम बिखर सा जाता है.चारों तरफ गंदगी फैली रहती है और उन्ही के बीच नवजात शिशुओं को लेकर माताएं जमीन पर लेटी रहती हैं जिससे प्रसूता और नवजात में संक्रमण फैलने का खतरा हमेशा मंडराते रहता है.
इस विषय पर जिले की सिविल सर्जन कहती हैं कि संसाधन से ज्यादा गर्भवती महिलाओं के पहुँचने से परेशानी बढ़ जाती है. जो दो कमरे थे उसे भी सरकार द्वारा एस एन सी यू के लिए ले लिया है लिहाजा प्रसव के बाद महिलाओं को बरामदे में लगे बिस्तर और जमीन पर लिटाना मजबूरी होती है. बहरहाल, सूबे के स्वास्थ्य महकमे को जरुरत है इस दिशा में जल्द ठोस पहल करने की.