पाकुड़ः
‘द मिस्टीरियस एलीमेंट्स आॅफ रूपी बास्कीःए नोवेल‘ एवं ‘द आदिवासी विल नाॅट डांस‘ के लेखक डाॅ0 हाॅसदा सोवेन्द्र शेखर के खिलाफ सैकड़ों आदिवासी छात्र छात्राएं और बुद्धिजीवी सड़क पर उतरे.
लेखक हाॅसदा सोवेन्द्र षेखर के खिलाफ न सिर्फ नारेबाज़ी की गयी, बल्कि जिला मुख्यालय पर उनका पुतला भी दहन किया गया. पुतला दहन के दौरान लेखक हाॅसदा सोवेन्द्र द्वारा लिखित उपान्यास एवं पुस्तक भी जलाये गये. लेखक का विरोध कर रहे लोगों ने डाॅ0 हांसदा सोवेन्द्र शेखर को पाकुड़ छोड़ने की बात कही.
विरोध कर रहे लोगों का आरोप है कि लेखक हांसदा सोवेन्द्र षेखर ने अपने पुस्तक और उपान्यास में मनगढ़ंत कहानी लिखकर आदिवासी समाज को बदनाम करने की कोशिश है. लोगों ने कहा कि संथाल महिलाओं पर पुस्तक में कई अपशब्दों का उपयोग किया गया है,जिससे समाज को ठेस पहुंचा है.
वर्तमान में पाकुड़ जिला के सीएचसी में चिकित्सक के पद पर पदस्थापित डाॅ0 हाॅसदा सोवेन्द्र शेखर ने आदिवासी समाज के उपर कई उपन्यास व किताबें लिखीं हैं. लेकिन, उनकी लेखनी का विरोध आदिवासी समाज ही कर रहा. पाकुड़ जिले में विरोध कर रहे आदिवासी समाज के लोगों ने डाॅ0 हाॅसदा सोवेन्द्र शेखर को उनके पद से मुक्त कर उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की मांग की है. लेखक पर कार्रवाई की मांग के लिए मांग पत्र डीसी को सौंपा गया है.
बता दें कि लेखक को साहित्य एकेडमी पुरस्कार से भी सम्मानित किया जा चुका है. जिसे वापस करने की मांग भी आदिवासी समाज द्वारा की जा रही है. विरोध कर रहे लोगों का कहना है कि अगर लेखक के खिलाफ कार्रवाई नहीं हुई तो आदिवासी समाज आगे चरणबद्ध आंदोलन करेगी.