देवघर।
देवघर को देवो की नगरी कहा जाता है, सालो भर यहाँ भक्तों का तांता लगा रहता है. लेकिन, श्रावणी मास के दौरान यहां आस्था का सैलाब उमड़ पड़ता है.
भक्तों के अनुसार बाबा धाम आने से दोगुने फल की प्रप्ति होती है. बाबाधाम में ज्योतिर्लिंग के दर्शन तो होते ही हैं. साथ ही यहाँ 22 मंदिर और 24 देवी देवताओं के भी दर्शन हो जाते है. भक्तों की माने तो यहाँ भक्तों को बाबा छप्पर फाड़ कर आशीर्वाद देते है.
शिव की महिमा सर्व विदित है. भगवान शंकर के इस मंदिर के दर्शन मात्र से ही भक्त अपने को धन्य मानते हैं.
बाबा धाम की एक और खासियत यह भी है की यहाँ शिव के मंदिर के अलावे पार्वती मंदिर, गणेश मंदिर, संध्या, काल भेरव मनसा, हनुमान मंदिर, सूर्य मंदिर सहित अनेक देवी देवताओं के दर्शन होते है. इनकी माने तो यहाँ सभी देवी देवता भक्तों को दोनों हांथो से आशीर्वाद लुटाते है.
इन सभी मंदिरों में माता पार्वती का पूजा स्थल सबसे उपर है. ऐसा माना जाता है कि अगर भक्त बासुकीधाम में जल अर्पण नहीं कर पाते है तो पार्वती मंदिर में जल अर्पण किया जा सकता है. ये सभी मंदिर ज्योतिर्लिंग के चारों ओर है. भक्त इस मनोरम दृश्य को देख भाव विभोर हो जाते हैं. भक्त इन देवी देवताओं का गुणगान करने से नहीं थकते, सभी भक्तों के अपने खास देवी देवता होते है और भक्त को उन सभी देवी देवता के दर्शन यहाँ हो जाते है.
यहां मंदिरों स्थापित सारी मूर्तिया अति प्राचीन है. और सभी मंदिर के गुम्बज के शीर्ष पर पंचशूल विराजमान है. शिव के दर्शन के बाद इन मंदिरों के दर्शन दोगुने फल के प्राप्ति होने के बराबर होती है, तभी तो भक्त बाबा के दर्शन के बाद इन मंदिरों के दर्शन करना नहीं भूलते.