देवघरः
दोपहर का समय था. सभी अपने-अपने कामों में व्यस्त थे. कोई मंदिर जा रहा था तो कोई दुकान, कोई स्कूल से घर लौट रहा था, तो कोई बाजार निकल रहा था. इसी बीच एकाएक आवाज़ आयी. इससे पहले की लोग समझ पाते अचानक सड़क किनारे लगे पेवर्स को फाड़ कर बीचो-बीच पानी का तेज़ फव्वारा ज़मीन से निकलने लगा. लोग हैरान हो गये. ज़मीन से पानी निकलता देख वो भी इतनी तेज़ी से. कुछ देर के लिए तो लोग अवाक रह गये. लेकिन थोड़े देर बाद सारा माजरा समझ में आया.
दरअसल, ये नज़ारा दिखा मानसिंघी के पास. जहां श्रावणी मेला के मद्देनज़र सड़क किनारे पेवर्स बिछाया जा रहा है. पेवर्स बिछाने से पहले खुदाई की जाती है. लेकिन, श्रावणी मेला से पहले आनन-फानन में कार्य पूरा करने में संवेदक जुटे हैं. जहां पर पेवर्स बिछाये जा रहे हैं, उसी रास्ते सप्लाई वाटर का पाइप भी ज़मीन के नीचे बिछाये गये हैं. ऐसे में खुदाई के दौरान सप्लाइ वाटर का पाइप फट गया. जिसके बाद बिना इस ओर ध्यान दिये और पाईप को ठीक किये हुए, उपर से पेवर्स बिछा दिये गये.
अचानक शुक्रवार की दोपहर जब वाटर सप्लाई किया गया तो फटे हुए पाईप से पानी का बौछार तेज़ी से निकलने लगा. घंटो पानी ऐसे ही पाइप से बहता रहा. लोगों के घरों और दुकानों तक पानी पहुंच रहा था. पूरा सड़क तालाब में तब्दील हो गया था.
स्थानीय लोगों द्वारा वाटर सप्लाई बंद करने की सूचना विभाग को दी गयी. जिसके बाद पानी का बहाव रूक सका.
देवघर में श्रावणी मेला की तैयारी जोरों पर है. सभी विभाग अपनी-अपनी तैयारियों को अंतिम रूप देने में लगे हैं. पूरे शहर को खुबसूरत बनाने के लिए सड़क किनारे पेवर्स लगाये जा रहे हैं. लेकिन, कार्य को जैसे-तैसे समेट कर खानापूर्ति करने की पोल को आज पानी के बौछारों ने खोल दिया.