देवघरः
देवघर जिले में अवैध बालू उठाव पर लगाम कसने की पुलिस की तमाम कोशिशें नाकाफी साबित हो रही. बालू खनन पर रोक लगने के बावजुद देवघर जिले के नदियों को खोखला करने का गोरखधंधा जारी है. बालू माफिया अपनी जेब भरने की लालच में नदियों के अस्तित्व को खत्म करने में लगे हैं. जिसकी भरपाई कभी नहीं की जा सकती.
नदी में बालू का स्तर बरकरार रखने के लिए नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने 30 सितंबर 2017 तक नदियों से बालू खनन पर पूरी तरह रोक लगा दिया है. लेकिन, बालू माफिया इस आदेश को ठेंगे पर रख धड़ल्ले से बालू उठाव कर रहे हैं.
देवघर जिले में कई ऐसी नदियां हैं, जहां से हर रोज़ लाखों रूपये का बालू खनन किया जा रहा. कई नदियों के सीमावर्ती क्षेत्र में होने की वजह से धड़ल्ले से बालू को बिहार राज्य में खपाया जा रहा. ऐसे में कई बड़े सवाल पुलिस प्रशासन पर भी उठ जाते हैं, कि आखिर क्यों इस गोरखधंधे में बालू माफियाओं को पुलिस-प्रशासन का डर नहीं है और लाखों के अवैध बालू उठाव पर पुलिस की नज़र नहीं है.
देवघर की अजय नदी, देवीपुर और मधुपुर के इलाके में पतरो, जयंती व कदई नदी में हर रोज़ एक जैसा नज़ारा होता है. यहां हर रोज़ लाखों रूपये के अवैध बालू का खनन और उसे ट्रैक्टर और ट्रक पर लाद बाजार में अवैध रूप से उच्च दामों पर बेचा जाता है. यहां तक कि सीमावर्ती राज्य बिहार में भी.
हांलाकि पुलिस-प्रशासन भी अवैध बालू उठाव पर कार्रवाई कर रही है. हर दिन छापेमारी अभियान चलाया जा रहा. कई बालू लदे ट्रैक्टर भी विभिन्न थानों की पुलिस द्वारा ज़ब्त किये जा रहे हैं. लेकिन, इस गोरखधंधे पर लगाम नहीं लग रहा. जिसपर सवाल उठना लाज़मी है.