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बीएड की शिक्षा के बाद काबिल किसान बनें वकिल यादव

                                                                  लहलहाती आम की फसल


देवघर:

कौन कहत है आसमान में सुराख़ नहीं होता.. एक पत्थर तो तबियत से उछालो यारो.. 
मेहनत और जज़्बे का उदाहरण पेश किया है, देवघर के संकरी पंचायत के पंदनबेरा गांव के वकील यादव ने. पदनबेरा गांव में आज दूर-दूर तक जहां भी  नजर जाती है, हरियाली ही हरियाली नजर आएगी. जबकि कभी ये क्षेत्र विरान और बंजर थी. जिसपर भू-माफियों की नज़र थी. 
वकील कुमार यादव जो एक किसान का बेटा है. पढ़ाई कर शिक्षक बनने की तमन्ना थी. इसलिए बीएड तक की पढ़ायी की. लेकिन बंजर पड़ी ज़मीन पर माफियाओं की नज़र पड़ता देख वकील से रहा नहीं गया. और पढ़ा-लिखा छात्र ज़मीन को बचाने के लिए किसान बनने की राह पर निकल पड़ा. 
वकील यादव आज किसानों के लिए ब्रांड एम्बेसडर हैं. अपनी मेहनत से मिसाल कायम करते वकील यादव ने अपनी शिक्षा का उपयोग करते हुए पहले योजनाओं को पढ़ा-लिखा और समझा. खेती का ज्ञान तो विरासत में मिली ही थी. शुरूआती दिनों में प्रखंड के चक्कर काटे और फिर योजनाओं का लाभ लेते हुए खूब पसीना बहाया. 
आज वकील एक काबिल किसान है. 10 एकड़ में फलदार पेड़ लगे हैं. जैविक खेती के साथ-साथ धान, गेंहू, फुल और जड़ी-बूटी भी उपजा रहे हैं. इतना ही नहीं वकील ने डोभा भी बनवाया है, जिसमें मछली पालन कर लाखों की कमाई कर रहे. 
वकील कहते हैं कि पढ़े-लिखे होने की वजह से इन्हें खेती में काफी लाभ मिला है. आगे गाय पालन और गाय के मुत्र से किटनाशक और गोबर से वर्म कम्पोस्ट बनाने की तैयारी है. जिसकी ट्रेनिंग भी वह ले चुके हैं. 
वकील ने अपनी मेहनत से ना सिर्फ खुद की किस्मत बदली, बल्कि अब अपने तीन भाइयों को भी उच्च शिक्षा दे रहे हैं साथ में इन्हें भी खेती के गुर सिखा रहे.वकील कहते हैं कि लोग अगर सही से खेती करें तो नौकरी से ज्यादा पैसे कमा सकते हैं.

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