Deoghar/Bangalore: देवघर के सुप्रसिद्ध पूर्व चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. जितेंद्र कुमार का निधन (Dr. Jitendra Kumar passes away) मंगलवार को हो गया। डॉ. जितेंद्र कुमार ने बैंगलौर में अपने बेटे के यहां अंतिम सांस ली।
मूल रूप से ऑर्थोपेडिक्स सर्जन डॉ. जितेंद्र कुमार ने अपने करियर का 20 वर्ष देवघर में बिताया था। उन्होंने जिले के यक्ष्मा पदाधिकारी के पद पर भी लंबे समय तक सेवा दी। साल 2004 में डॉ. जितेंद्र गोड्डा दे सिविल सर्जन बनें। इसके बाद वर्ष 2006 में संथाल परगना के RDD (Health) बनें। साल 2007 में विभाग ने उन्हें झारखंड के स्वास्थ्य निदेशक प्रमुख के पद पर नियुक्त किया।
इस पद को सुशोभित करने के बाद साल 2009 में डॉ. जितेंद्र कुमार रिटायर्ड हो गए। रिटायर्मेंट के बाद 2019 तक वे बैंगलोर के एक निजी चिकित्सालय में अपनी सेवाएं देते रहे। इसके बाद स्वास्थ्य कारणों से डॉ. जितेंद्र ने पूरी तरह से चिकित्सकीय सेवा से अपने आप को अलग कर लिया।
लंबी बीमारी और इस वर्ष जनवरी में कोरोना से संक्रमित होने के बाद डॉ. जितेंद्र के स्वास्थ्य में जो गिरावट आई, उससे संघर्ष करते हुए 27 सितंबर की शाम उन्होंने आखिरी सांस ली।
डॉ. जितेंद्र कुमार की मौत पर संवेदना व्यक्त करते हुए उनके काफी करीबी देवघर के जाने-माने चिकित्सक डॉ. डी तिवारी ने कहा कि उन्होंने अपना बड़ा भाई खो दिया है। डॉ. डी तिवारी कहते हैं कि उनके पिताजी डॉ. जितेंद्र कुमार को अपने बड़े बेटे का स्नेह देते थे। डॉ. डी तिवारी ने कहा कि डॉ. जितेंद्र कुमार की मौत उनकी व्यक्तिगत व पारिवारिक क्षति है।