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Dental care: दांतों की देखभाल जरूरी, एक्सपर्ट से जानें कई सवालों के जवाब

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Health & Fitness

आज की भागती-दौड़ती जिंदगी में लाइफ स्टाइल का असर दांतों की सेहत (Dental health) पर भी होने लगा है। यही वजह है कि न सिर्फ ढलती उम्र में बल्कि युवा और बच्चे भी दांतों में बढ़ रही दिक्कतों से परेशान (Problems) हैं। शुरूआती दौर में दांतो की समस्याओ को लोग नजरअंदाज कर देते हैं, जो बाद में बड़ी परेशानी का सबब बन जाती है। ऐसे में ये जरूरी है कि समय रहते दांतों की सेहत का ख्याल रखा जाए। दांतों की सेहत का ख्याल किस तरह से रखा जाये ? ये बता रहे हैं, नारायण डेंटल क्लिनिक, देवघर (Narayan Dental Clinic) के संचालक डेंटल सर्जन, डॉ. राजीव (Dr. Rajeev)। 

डॉ. राजीव

डॉ. राजीव कहते हैं कि शरीर के बाकी हिस्सों की तरह ही डेंटल केयर (Dental care) करना भी बहुत ज़रूरी है। इसकी अनदेखी करने पर कई तरह की ओरल सम्बन्धी दिक्कतें (Oral problems) और बीमारियां होने का खतरा बढ़ जाता है।

ओरल केयर है ज़रूरी

डॉ. राजीव ने बताया कि दांतों की सेहत को परफेक्ट रखने के लिए ओरल केयर (Oral Care) करना ज़रूरी है। जिससे दांतों और मसूड़ों से जुड़े किसी भी तरह की परेशानी से बचा जा सके। वो कहते हैं कि किसी भी तरह की दिक्कत को छोटा समझकर अगर आप नज़रअंदाज़ करते हैं, तो ये बड़ी समस्या या बीमारी के रूप में सामने आ सकती है। 

► डॉ. राजीव ने बताया कि ज्यादातर लोग शुरुआत में दांतों में हो रहे दर्द और अन्य परेशानियों की वजह को अनदेखा करते हैं। इसे नार्मल समझ घरेलू उपचार कर लेते हैं, जिससे समस्याएं और बढ़ती ही चली जाती हैं। क्योंकि दर्द किस वजह से हो रहा ये जानकारी नहीं होती है। जबकि दांतों के दर्द की वजह दांतों का घिसना, कैविटी, पायरिया, ज्यादा रगड़ कर ब्रश करना, टॉर्टर और प्लॉग जैसी कई और भी हो सकती हैं। इसलिए ज़रूरी है कि दांतों में होने वाले दर्द या किसी भी तरह की दिक्कत के लिए तुरंत चिकित्सक से संपर्क कर आवश्यक सलाह लें। 

► डॉ. राजीव कहते हैं कि सुबह उठकर और रात में सोने से पहले सॉफ्ट टूथब्रश से अच्छी तरह दांतों की सफाई जरूर करें। दांतों को ज्यादा देर तक रगड़ें नहीं, हल्के हाथों से ब्रशिंग करें। वो भी ज़्यादा देर तक नहीं। ब्रश पुरे मुंह में दांतों पर क्लॉक वाइज़ और एंटी क्लॉक वाइज़ दो-दो बार घुमाएं। साथ ही नीचे वाले दांतो की सफाई के लिए ब्रश ऊपर की ओर और ऊपर वाले दांतों की सफाई के लिए ब्रश को नीचे की ओर ले जाते हुए दांतों के अंदर और बाहरी हिस्से पर ब्रशिंग करें। बैक्टीरिया मुंह में न रहें इसके लिए जीभ को भी हल्के हाथों से टंग क्लीनर की मदद से साफ़ करें। मसूड़े की मजबूती के लिए उँगली से दांतों को नहीं घिसे बल्कि मसूड़े का मसाज जरूर करें। 

► डॉ. राजीव ने बताया कि किसी रेशमी या नॉर्मल पतले धागे के जरिए दांतों को साफ करने की कला को फ्लॉसिंग कहा जाता है। इसके लिए धागे के दोनों छोर को दोनों हाथों से पकड़कर, दो दांतों के बीच में फंसाया जाता है, और हल्के से दांतों पर उपर से नीचे तक रगड़ा जाता है। इस तरीके से दांतों की जड़ों में जमी गंदगी साफ होती है, जिससे बैक्टीरिया नहीं पनपते। आप सप्ताह में कम से कम तीन बार फ्लॉसिंग कर सकते हैं। लेकिन फ्लॉसिंग करते वक्त आपका सलीका कठोर नहीं होना चाहिए। अत्यधिक फ्लॉसिंग करने से भी बचें, क्योंकि इससे दांतों की पकड़ कमजोर हो सकती है।

► डॉ. राजीव कहते हैं कि दांतों की सही तरह से देखभाल न करने के चलते दांतों और मसूड़ों पर बैक्टीरिया बनने लगते हैं, जिसकी वजह से दांतों और मसूड़ों पर बैक्टीरिया युक्त एक चिपचिपी परत बनने लगती है जो प्लाक कहलाती है। इसको दांतों की दैनिक सफाई के चलते हटाया जा सकता है लेकिन अगर इसको साफ़ नहीं किया गया तो ये सख्त होकर टार्टर बन जाता है। जिसको हटाने के लिए टीथ क्लीनिंग और पॉलिशिंग की ज़रूरत होती है। टॉर्टर को अगर अनदेखा किया जाये तो इससे दांतों के गलने की दिक्कत हो सकती है। 

► डॉ. राजीव बताते हैं कि उनकी क्लिनिक पर ऐसे कई लोग आते हैं जिन्हें दांतों में टार्टर की दिक्कत होती है। जिसको हटाने के लिए कई बार टीथ क्लीनिंग और पॉलिशिंग करवाना ज़रूरी होता है। लेकिन कुछ लोग ये सोचकर ऐसा करवाने से घबराते हैं कि दांत हिलने लगेंगे, कमज़ोर हो जायेंगे या एक बार क्लीनिंग और पॉलिशिंग हो गयी तो बार-बार करवाना पड़ेगा। लेकिन ऐसा नहीं है। उन्होंने कहा कि ये जानने की ज़रूरत है, कि टीथ क्लीनिंग और पॉलिशिंग से न तो दांत हिलने लगते हैं, न ही सफाई हर बार करवाना ज़रूरी है। अगर किसी के दांत पहले से ही हिल रहे हों या बहुत कमज़ोर हों तब ही ऐसा होता है। साथ ही दांतों की बार-बार सफाई की ज़रूरत भी नहीं होती है। उन्होंने कहा कि इस बात का ध्यान रखना बेहद ज़रूरी है कि अगर टॉर्टर को समय रहते साफ़ न करवाया गया तो इससे कई तरह की बीमारियां हो सकती है जो दांतों, मसूड़ों और इनेमल को नुकसान पहुंचा सकती है। 

कुछ ज़रूरी बातों का रखें ख्याल:-

खूब पानी पिएं। 

दो बार सुबह और रात टूथब्रश का इस्तेमाल करें। 

जीभ की सफाई भी बहुत जरूरी है। 

ये तय कीजिए कि आपके खाने में फलों की भी पर्याप्त मात्रा हो। 

उंगली से दांतों को घिसने से बचें। 

माउथवॉश से दिन में दो बार कुल्ला करें। 

विटामिन सी से भरपूर फलों को डाइट में शामिल करें। 

धूम्रपान (Smoking) करने से बचें। 

स्टार्च और शर्करा युक्त भोजन करने से बचें। 

सप्ताह में दो बार किसी साफ़ महीन धागे से फ्लॉसिंग करें। 

दांतों या मसूड़ों में किसी भी तरह की दिक्कत को अनदेखा न करें। 

अगर आपको दांतों में कोई तकलीफ महसूस हो रही है तो डेंटिस्ट से तुरंत संपर्क करें। 


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