नई दिल्ली।

कोरोना के कहर से पूरी दुनिया में त्राहिमाम मचा है। छोटे-बड़े तमाम देश इस खतनाक वायरस से जूझ रहे हैं। दुनियाभर के डॉक्टर्स भी इस महामारी का इलाज तलाशने में लगे हुए है। भारत में कोरोना अपना पाँव बहुत ही तेजी से पसार रहा है। संक्रमण का ग्राफ बढ़ता चला जा रहा है।

भारत इस समय कोरोना संक्रमितों की लिस्ट में तीसरे पायदान पर बना हुआ है। अभी, भारत में कोरोना संक्रमितों का आंकड़ा 23 लाख के पार पहुंच चूका है, जिसमें करीब 50 हज़ार से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। इस समय वर्ल्ड में करीब 100 से ज्यादा कोरोना वैक्सीन्स का ट्रायल किया जा रहा है। तो कई वैक्सीन्स अपने अंतिम चरण में भी पहुंच चुकी है।
फिलहाल, रूस विश्व में कोरोना की पहली वैक्सीन बनाने का दावा कर रहा है। वहीं, भारत में भी कोरोना वैक्सीन बनाने का प्रयास तेजी से चल रहा है। इस समय तीन वैक्सीन को ह्यूमन ट्रायल की अनुमति मिल चुकी है।
जानकारी के अनुसार सबसे पहले आईसीएमआर और भारत बायोटेक द्वारा बनाई गई कोवैक्सीन को इसके ट्रायल की अनुमित मिली, जिसका अंतिम परीक्षण चल रहा है। भारत में बनने वाली कोरोना वैक्सीन पर दुनिया भर की निगाहें टिकी हुई है। इन सबके बीच पुणे की सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ने दावा किया है कि जल्द ही उसकी कोविशील्ड वैक्सीन बाजार में आने वाली है।
जानकारी के अनुसार भारत में बनने वाली वैक्सीन को ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों के साथ मिलकर बनाया जा है। अगस्त माह के अंत तक 4 से 5 हजार लोगों को कोविशील्ड वैक्सीन का डोज़ दिया जाएगा, जो कि ट्रायल का ही एक भाग होगा और यह दो महीने तक चलेगा।
वहीं, कोविशील्ड के ट्रायल के सफल होने पर वैज्ञानिकों ने इस वैक्सीन को साल के अंत तक लॉन्च करने का दावा किया है।